कोरोना वायरस (Corona Virus) पॉज़िटिव केसों के हॉटस्पॉट चिह्नित किए गए इलाकों में एक लाख रैंडम टेस्ट (Random Test) किए जाएंगे. वहीं, तमिलनाडु (Tamil Nadu) में भी बड़े पैमाने पर रैंडम टेस्ट किए जा रहे हैं, तो क्या यह माना जाए कि भारत (India) में कोविड 19 (Covid 19) संक्रमण कम्युनिटी स्प्रेड (Community Spreat) के स्तर पर पहुंच चुका है?
दो हफ्ते पहले तक कम्युनिटी स्प्रेड (Community Transmission) की आशंका से इनकार करने वाली संस्था भारतीय मेडिकल शोध परिषद यानी आईसीएमआर (ICMR) ने पिछले कुछ दिनों में कई राज्यों में कम्युनिटी ट्रांसमिशन के संकेतों को समझने के लिए रैंडम नमूनों की जांच की है. इन जांचों के बाद जो डेटा आया है, उसके बाद देश में कोरोना वायरस के कम्युनिटी स्प्रेड की आशंकाएं सामने आई हैं. जानिए कि क्या है कम्युनिटी स्प्रेड का पूरा सच.
क्या कहते हैं आईसीएमआर के आंकड़े?
स्वास्थ्य संबंधी इस संस्था ने 15 फरवरी से 2 अप्रैल के बीच गंभीर श्वास रोगों से ग्रस्त 5911 लोगों के रैंडम टेस्ट किए. इंडिया टुडे की रिपोर्ट की मानें तो इस टेस्टिंग में 104 रोगियों को कोरोना वायरस से ग्रसित पाया गया. इस रिपोर्ट के अनुसार विस्तार से आंकड़े इस तरह हैं :
1. ये टेस्टिंग 20 राज्यों के 52 ज़िलों में की गई.
2. कम से कम 40 पॉज़िटिव केसों में विदेश यात्रा या विदेश यात्री से संपर्क की हिस्ट्री नहीं है.
3. गुजरात में, 792 रोगियों के टेस्ट किए गए, जिनमें से 13 केस कोविड 19 पॉज़िटिव पाए गए.
4. तमिलनाडु में, 577 रोगियों के टेस्ट किए गए, जिनमें से 5 केस कोविड 19 पॉज़िटिव पाए गए.
5. महाराष्ट्र में, 553 रोगियों के टेस्ट किए गए, जिनमें से 21 केस कोविड 19 पॉज़िटिव पाए गए.
6. केरल में, 502 रोगियों के टेस्ट किए गए, जिनमें से 1 केस कोविड 19 पॉज़िटिव पाया गया.
7. इस टेस्टिंग में केवल दो पॉज़िटिव केसों में किसी कन्फर्म केस के साथ संपर्क होना पाया गया, जबकि एक केस में इंटरनेशनल यात्रा की हिस्ट्री मिली, लेकिन 59 पॉज़िटिव केसों की ऐसी कोई हिस्ट्री उपलब्ध नहीं हुई.
8. 85 पॉज़िटिव केस पुरुषों के रहे और 83 केस 40 साल से ज़्यादा की उम्र के लोगों के हैं.
कैसे मिले इतने मरीज़?
असल में, आईसीएमआर ने 14 मार्च से पहले जो टेस्ट किए थे, उनमें कोई पॉज़िटिव केस नहीं मिला था. लेकिन इसके बाद टेस्टिंग रणनीति में बदलाव कर गंभीर श्वास रोगियों को शामिल किया गया. 15 मार्च से 21 मार्च के बीच किए गए रैंडम टेस्ट में 106 में से 2 पॉज़िटिव केस मिले और फिर 22 मार्च से 28 मार्च के बीच 48 पॉज़िटिव केस. इसके बाद जारी रही जांच में लगातार पॉज़िटिव केसों के मिलने की संख्या बढ़ी.
क्या है इस रिसर्च का निष्कर्ष?
आईएमआर की इस रिपोर्ट के आधार पर इंडिया टुडे की रिपोर्ट में कहा गया है कि गंभीर श्वास रोगियों के बीच कोविड 19 के मामले जिन ज़िलों में सामने आए हैं, कोविड 19 से बचाव की रणनीति में उन पर फोकस किया जाना चाहिए. पहले से श्वास रोगियों पर सघन निगरानी एक कारगर उपाय साबित हो सकता है. कुल मिलाकर, इस रिपोर्ट के बाद कम्युनिटी स्प्रेड की आशंकाएं बढ़ गई हैं.
इससे पहले इसी हफ्ते टीओआई की एक रिपोर्ट में नई दिल्ली स्थित एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया के हवाले से कहा गया था कि देश के कुछ हिस्सों में कोरोना वायरस संक्रमण कम्युनिटी ट्रांसमिशन के तीसरे चरण में पहुंच गया है. यही नहीं, इंडियन एक्सप्रेस की 7 अप्रैल की रिपोर्ट के अनुसार मुंबई और आसपास के इलाकों में जो ताज़ा मामले मिले थे, उनमें संक्रमितों के विदेश यात्रा या कन्फर्म मरीज़ के साथ संपर्क होने के सबूत नहीं मिले थे. इस आधार पर महाराष्ट्र में कम्युनिटी स्प्रेड की शुरुआत की बात कही जा चुकी थी.
क्या होता है कम्युनिटी ट्रांसमिशन?
पहले केस और लोकल ट्रांसमिशन के बाद यह संक्रमण का तीसरा चरण होता है, जिसमें सामुदायिक रूप से संक्रमण फैलता है और मरीज़ में संक्रमण का स्रोत पता करना मुश्किल हो जाता है. संक्रमण के 'हॉटस्पॉट' या कन्फर्म मरीज़ों के संपर्क में जिन लोगों के होने के संकेत नहीं मिलते, उनमें भी यह संक्रमण इस स्टेज में मिलता है. एक बार इस चरण में संक्रमण पहुंच जाए तो इसकी रोकथाम बेहद मुश्किल हो जाती है क्योंकि ट्रांसमिशन की चेन को रोकने के सूत्र ही नहीं मिलते.
भारत में कम्युनिटी ट्रांसमिशन
डब्ल्यूएचओ की दक्षिण पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक पूनम खेत्रपाल के हवाले से वेदर.कॉम ने लिखा है कि किसी भी देश में कोविड 19 संक्रमण कम्युनिटी ट्रांसमिशन की स्टेज पर है, इसका पता ऐसे लगता है, जब संक्रमण के किसी पॉज़िटिव केस में संक्रमण के स्रोत या कारण का पता न चले. यानी अंतरराष्ट्रीय यात्रा की हिस्ट्री न हो, किसी कन्फर्म मरीज़ के साथ संपर्क न होने के बावजूद कोई पॉज़िटिव केस मिले, तो इसे कम्युनिटी ट्रांसमिशन का सबूत समझा जाता है.
इस बयान से आप समझ सकते हैं कि आईसीएमआर की रिपोर्ट में आए आंकड़े साफ संकेत दे रहे हैं कि भारत में कम्युनिटी ट्रांसमिशन की शुरुआत हो चुकी है.
इसके बाद चौथी जानलेवा स्टेज
ट्रांसमिशन की आखिरी स्टेज में बड़े पैमाने पर संक्रमण फैलता है और संक्रमण के केसों व मौतों की संख्या गुणात्मक रूप से बढ़ती है. इस स्टेज में संक्रमण जानलेवा महामारी हो जाता है. जैसे चीन के बाद इटली और अमेरिका में इस स्टेज को देखा जा रहा है.